कहानी "छलावा" में धीरेन्द्र अस्थाना का जीवन छह वर्षों तक बेमानी और कमजोर रहा। उसने महसूस किया कि वह अकेला है और उसकी पत्नी सीमा उसके जीवन से चली गई है। जब वह घर लौटता है, तो पाता है कि सीमा सब सामान ले जा चुकी है और उसे एक नोट मिला है जिसमें लिखा है कि वह अब नहीं आएगी। यह सब देखकर धीरेन्द्र को समझ में आता है कि उनके बीच का संबंध अजनबीपन में बदल गया था और उनके जीवन में सुख का कोई क्षण नहीं था। अंततः, यह कहानी जीवन के संघर्ष और रिश्तों की बर्बादी को दर्शाती है। Chhalawa dhirendraasthana द्वारा हिंदी लघुकथा 20 1.3k Downloads 7.5k Views Writen by dhirendraasthana Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कहानी छलावा धीरेन्द्र अस्थाना यानी छह साल का जीवन बिलकुल बेमानी था। बेमानी और कमजोर। इतना कमजोर कि शब्दों के एक मामूली प्रहार से टूट गया। हो सकता है कि प्रहार मामूली न रहा हो, लेकिन था तो शब्दों का ही। हो सकता है, शब्द केवल शब्द न रहे हों, लेकिन छह वर्षों का साथ गुजरा जीवन भी तो शब्द नहीं था। जहां तक शब्दों की बात है, तो उनका इस्तेमाल तो वह कई बार कर चुका था। छह वर्ष के जीवन में करीब साठ बार। तो फिर उसी दिन के शब्दों में ऐसी क्या बात थी जो...! उसने यही More Likes This चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma पुर्णिमा - भाग 1 द्वारा Soni shakya CM: The untold story - 2 द्वारा Ashvin acharya चालाक कौवा द्वारा falguni doshi My Shayari Book - 1 द्वारा Roshan baiplawat रंगीन कहानी - भाग 1 द्वारा Gadriya Boy तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी