थाईलैंड में आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए लेखक संतोष श्रीवास्तव ने कोलकाता से बैंकॉक की यात्रा की। विमान की खिड़की से नीला समुद्र और थाईलैंड का दृश्य देख वह रोमांचित हुए। थाईलैंड की भौगोलिक स्थिति और इसकी संस्कृति पर विचार करते हुए उन्होंने पटाया के बारे में जिक्र किया, जिसे सेक्स का खुला बाजार मानते हैं। लेखक ने इस शहर के इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया कि यह पहले केवल एक साधारण द्वीप था, लेकिन विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति ने इसकी संस्कृति को बदल दिया। पटाया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित है, जो विभिन्न व्यवसायों में कार्यरत हैं। लेखक ने इसे मातृसत्ता की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया और अपने पूर्वोत्तर भारत की तुलना की। इस यात्रा के दौरान थाईलैंड की सुंदरता और जटिलताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्होंने वहाँ के सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर भी विचार किया। थाईलैंड Santosh Srivastav द्वारा हिंदी पत्रिका 7 2.1k Downloads 9.1k Views Writen by Santosh Srivastav Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण थाईलैंड की पूरी इकॉनॉमी स्त्री प्रधान है इस बात की गवाह थी पूरी पटाया नगरी बस की खिड़की के शीशों के उस पार बाज़ार, बड़े-बड़े मॉल, होटल, फुटपाथ पर लगा बाज़ार, फलों की दुकानें, मछली तलती ठेलों को सम्हाले हर ओर स्त्रियाँ ही स्त्रियाँ कार्यरत थीं पुरुष तो नहीं के बराबर ही दिखे मुझे अपना पूर्वोत्तर भारत याद आया जहाँ स्त्री सत्ता यानी मातृसत्ता है और बाज़ार को ‘माइती बाज़ार’ कहते हैं थाईलैंड विश्व का ५१वां ऐसा बड़ा देश है जिसकी आबादी ६४ मिलियन है यहाँ ७५ प्रतिशत थाई, १४ प्रतिशत चायनीज़, ३ प्रतिशत मलय और बाकी मोन्स, श्वेर्स जनजातियाँ हैं ये जनजातियाँ आज भी घने जंगलों में निवास करती थाईलैंड की धरोहर कहलाती हैं वैसे मुसलमान, सिक्ख, ज्यूइश, हिन्दू भी काफी संख्या में रहते हैं बौद्धधर्म के अनुयायी ९५ प्रतिशत हैं मुख्य भाषा थाई है अंग्रेजी न तो कामकाज की भाषा है, न बाज़ार की करेंसी भाथ है एक भाथ १.७७ पैसे भारतीय मुद्रा का है खेलों में ओलंपिक, रग्बी, गोल्फ और फुटबॉल बड़े लोकप्रिय हैं More Likes This नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी