इस पत्र में भारत मल्होत्रा ने आज के युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि यह समस्या सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत कारणों के चलते बढ़ रही है। वे मानते हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन और पर्यावरणीय समस्याएं मानवता को सामूहिक आत्मघात की ओर ले जा रही हैं। पत्र में बताया गया है कि बच्चों पर पढ़ाई, करियर और सामाजिक अपेक्षाओं का दबाव बढ़ रहा है, जिससे उनका बचपन और मासूमियत खो रही है। माता-पिता अक्सर अपने बच्चों से उच्च उम्मीदें रखते हैं, बिना यह समझे कि उनके बच्चे की रुचियां क्या हैं। इसके अलावा, बच्चों को मिलने वाली अत्यधिक स्वतंत्रता भी समस्या का एक कारण है। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि समाज को इस समस्या पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, क्योंकि यह हर किसी की समस्या है और इसका समाधान निकालना आवश्यक है।
एक मित्र का समाज को पत्र
Bharat Malhotra द्वारा हिंदी पत्र
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