"गोदान" कहानी में होरीराम और उसकी पत्नी धनिया के बीच की बातचीत को दर्शाया गया है। होरीराम अपने काम के लिए जल्दी में है और धनिया से कहता है कि उसे गोबर को ऊख गोड़ने भेजना है। धनिया, जो कि काम में व्यस्त है, उसे थोड़ी देर आराम करने की सलाह देती है, लेकिन होरीराम अपनी चिंता को लेकर चिंतित है कि अगर वह देर से गया तो मालिक से भेंट नहीं हो पाएगा। धनिया का मानना है कि वे जमींदार के खेतों में काम करते हैं, इसलिए उनकी खुशामद क्यों करें। उनके बीच में इस विषय पर मतभेद हैं, क्योंकि धनिया को यह समझ में आता है कि चाहे वह कितनी भी मेहनत करे, लगान देना तो पड़ेगा। उनकी छः संतानों में केवल तीन ही जीवित हैं, और धनिया अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित है। कहानी में धनिया की स्थिति और संघर्ष को दिखाया गया है, जो कि अपने पति की चिंता और अपने परिवार की भलाई के लिए लगातार प्रयासरत है। अंततः वह होरीराम की चीजें उसके सामने रख देती है, और होरीराम उसकी बातों पर चुटकी लेते हुए अपनी स्थिति का मजाक बनाता है। यह संवाद उनकी सामाजिक स्थिति, गरीबी और जीवन की कठिनाइयों को उजागर करता है। गोदान भाग 1 Munshi Premchand द्वारा हिंदी लघुकथा 31.5k 14.5k Downloads 27.6k Views Writen by Munshi Premchand Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं, ऐसी संस्कृति जो अब समाप्त हो रही है या हो जाने को है, फिर भी जिसमें भारत की मिट्टी की सोंधी सुबास भरी है। प्रेमचंद ने इसे अमर बना दिया है। गोदान को किसान जीवन की समस्याओं , दुखों और त्रासदियों पर लिखा गया महाकाव्य माना जाता है । इस महाकाव्य की कथा में गांव और शहर के आपसी द्वंद्व ,भारतीय ग्रामीण जीवन के दुख , गांवों के बदलने टूटने बिखरने के यथार्थ और जमींदारी के जंजाल से आतंकित किसानों की पीड़ा का मार्मिकचित्रण है । यह उपन्यास होरी के नायकत्व के चारों ओर बुना गया है । Novels गोदान गोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्... More Likes This अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी