Sarb Jaat Gopal Ki book and story is written by Bhartendu Harishchandra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sarb Jaat Gopal Ki is also popular in Drama in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. Sarb Jaat Gopal Ki Bhartendu Harishchandra द्वारा हिंदी नाटक 3 2.7k Downloads 15.1k Views Writen by Bhartendu Harishchandra Category नाटक पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ( सामान्य सा एक हाट की गहमा गहमी है। एक पंडित जी और एक क्षत्री एक साथ तकरार की मुद्रा में एक साथ उलझतेहुए दिखते है।) क्षत्री : महाराज देखिये बड़ा अंधेर हो गया कि ब्राह्मणों ने यह व्यवस्था दे दी है कि अब कायस्थ भी क्षत्री हैं। कहिए अब कैसे कैसे राज का सब काम चलेगा। पंडित : क्यों, इसमें क्या दोष हुआ ? सबै जात गोपाल की और फिर यह तो हिन्दुओं का शास्त्र तो पनसारी की दुकान है और अक्षर कल्पवृक्ष है इसमें तो सब जात की उत्तमता निकल सकती है पर दक्षिणा आप को बाएं हाथ से रख देनी पडे़गी फिर क्या है फिर तो सबै जात गोपाल की । More Likes This प्रेम और युद्ध - 3 द्वारा Anand Tripathi Venom Mafiya - 1 द्वारा Frost RE स्वर : एक संगम या जंग - 1 द्वारा Shruti Sharma Insta Empire - 1 द्वारा Aniket Rajput नादान इश्क़ - 2 द्वारा rk bajpai इश्क इबादत - 2 द्वारा Juhi Patel My Passionate Hubby - 1 द्वारा Asha Sahu अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी