Alankaar - Part - 3 book and story is written by Munshi Premchand in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Alankaar - Part - 3 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. अलंकार अध्याय 3 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.3k Downloads 5.8k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जब थायस ने पापनाशी के साथ भोजशाला में पदार्पण किया तो मेहमान लोग पहले ही से आ चुके थे। वह गद्देदार कुरसियों पर तकिया लगाये, एक अर्द्धचन्द्राकार मेज के सामने बैठे हुए थे। मेज पर सोनेचांदी के बरतन जगमगा रहे थे। मेज के बीच में एक चांदी का थाल था जिसके चारों पायों की जगह चार परियां बनी हुई थीं जो कराबों में से एक परकार का सिरका उंड़ेलउंड़ेलकर तली हुई मछलियों को उनमें तैरा रही थीं। थायस के अन्दर कदम रखते ही मेहमानों ने उच्चस्वर से उसकी अभ्यर्थना की। Novels अलंकार उन दिनों नील नदी के तट पर बहुतसे तपस्वी रहा करते थे। दोनों ही किनारों पर कितनी ही झोंपड़ियां थोड़ीथोड़ी दूर पर बनी हुई थीं। तपस्वी लोग इन्हीं में एकान... More Likes This My Passionate Hubby - 1 द्वारा Asha Sahu किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur नागेंद्र - भाग 1 द्वारा anita bashal दिवाकर : दी फादर - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz एमी - भाग 1 द्वारा Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी