Aadarsh aur Majburiya - 2 book and story is written by Pradeep Kumar sah in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aadarsh aur Majburiya - 2 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आदर्श और मजबूरियाँ,भाग-2 Pradeep Kumar sah द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1 1.3k Downloads 5.5k Views Writen by Pradeep Kumar sah Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बेशक मेरे एक भी आदर्श न हों लेकिन मेरी कोई तो मजबूरी होंनी ही चाहिये नही भी हुये तो इस मजबूरी नामक झूठे शब्द को रोजाना सौ बार बोलूंगा और अपने इस नादान हृदय को समझाऊँगा कि तुम तो मजबूर हो, तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता. ऐ मन,तू धीरज धर! पृथ्वी पर जब-जब पाप बढ़ता है, धर्म की हानि होती है तब तब पापियों के उद्धार करने स्वयं ही प्रभु आते हैं. इसलिये निश्चिंत रहो और मौन रहकर इतने पाप वृद्घि होने तक इंतजार तो कर लो. More Likes This बन्धन प्यार का - 34 द्वारा Kishanlal Sharma Love Blossom Devil's Unwanted Wife - 1 द्वारा Bhumika Prajapati प्रेम और युद्ध - 1 द्वारा Anand Tripathi कल्पांत सृजन द्वारा satish bhardwaj तानाशाह - भाग 1 द्वारा MaNoJ sAnToKi MaNaS सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz किरन - 2 द्वारा Veena अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी