यह कहानी संतोष श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई है, जिसमें न्यूज़ीलैंड की यात्रा का अनुभव साझा किया गया है। लेखक सिडनी के किंग्सफोर्ड स्मिथ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से न्यूज़ीलैंड की उड़ान भरते हैं और यह सोचते हैं कि किसी देश की आत्मा को समझना इंसान की आत्मा को समझने से अधिक कठिन है। छह घंटे की उड़ान के बाद, वे क्राइश्चर्च इंटरनेशनल हवाई अड्डे पहुँचते हैं, जहाँ उनका स्वागत उनकी दोस्त अमेंड्रा द्वारा किया जाता है, जो एक टूर गाइड और ड्राइवर भी हैं। क्राइश्चर्च को "गार्डन सिटी" कहा जाता है और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता लेखक को बहुत भाती है। लेखक और उनके साथी एंटार्कटिका सेंटर का दौरा करते हैं, जहाँ वे बरफीले मौसम का अनुभव करते हैं। सेंटर में बनाए गए कृत्रिम एंटार्कटिका का अनुभव अत्यंत प्रभावशाली होता है, और वहाँ के ठंडे वातावरण में वे पेंग्विनों को भी देखते हैं। कहानी में समय के अंतराल का भी उल्लेख है, जहाँ लेखक यह महसूस करते हैं कि न्यूज़ीलैंड का दिन और रात का समय उनके देश से अलग है। यह यात्रा लेखक के लिए एक नई और रोमांचक अनुभव का प्रतीक है। नीले पानियों की शायराना हरारत Santosh Srivastav द्वारा हिंदी पत्रिका 2.4k Downloads 9k Views Writen by Santosh Srivastav Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण न्यूज़ीलैंड उत्तरी और दक्षिणी द्वीपों में बँटा है राजधानी विलिंग्टन उत्तरी न्यूज़ीलैंड मेंहै और इस समय हम दक्षिणी द्वीप पर जा रहे हैं जो पेसिफिक महासागर से घिरा है इस महासागर का पूर्वी तटवर्ती इलाका काईकोरा कहलाता है जो मछलियों के मीटिंग प्लेसनाम से प्रसिद्ध है गहरे समुद्र से व्हेल, डॉल्फिन, सील आदि निकलकर उथले पानी में आती हैं तट पर पेंग्विनों का झुंड विचरता है समुद्र बेहद खूबसूरत है हरा, नीला और सफेद पानियों से भरा झागदार लहरों वाला ज़्यादातर चट्टानें हैं तट पर कहीं सिलेटी, कहीं काली, कहीं एकदम चिकनी ग्रेनाइट जैसी पीछे साल के ज्यादातर महीनों में बर्फ़ से ढँके पर्वत शिखर हैं जिन पर बादल लेटे रहते हैं तटवर्ती इलाकों में उगी अल्पाइन वनस्पति सहित पूरा माहौल ऐसा जादुई संसार रचता है कि पर्यटक खिंचे चले आते हैं काईकोरा का बहुत बड़ा हिस्सा घने जंगलों, जंगली जानवर और रंगबिरंगी चिड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है More Likes This इतना तो चलता है - 3 द्वारा Komal Mehta जब पहाड़ रो पड़े - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी