यह कहानी प्रिया वच्छानी द्वारा लिखी गई है, जिसमें उन्होंने दो महत्वपूर्ण कविताएँ प्रस्तुत की हैं। पहली कविता "अजन्मी बच्ची की पुकार" में एक अजन्मी लड़की अपनी माँ से विनती करती है कि वह उसे अपने गले से लगा ले, क्योंकि उसे इस दुनिया से डर लगता है। वह यह दर्शाती है कि कैसे समाज में बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है। वह अपनी माँ से गुहार लगाती है कि वह उसे इस अत्याचार से बचाए और उसे अपने सीने में छुपा ले। दूसरी कविता "माँ" में कवयित्री ने माँ के समर्पण और बलिदान का वर्णन किया है। वह बताती है कि माँ ने अपने दर्द को छुपाते हुए हमेशा दूसरों के लिए प्रेम और सहानुभूति दिखाई। वह कभी भी शिकायत नहीं करती और हर परिस्थिति में धैर्य बनाए रखती है। इन दोनों कविताओं के माध्यम से प्रिया वच्छानी ने समाज में बेटियों के प्रति हो रहे अन्याय और माँ के अदम्य प्रेम और बलिदान को उजागर किया है। priyansh Priya Vachhani द्वारा हिंदी कविता 3 3.3k Downloads 12.1k Views Writen by Priya Vachhani Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण best poems of my collection written by me More Likes This सफ़र-ए-दिल द्वारा Kridha Raguvanshi Shyari form Guri Baba - 4 द्वारा Guri baba मन की गूंज - भाग 1 द्वारा Rajani Technical Lead मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी