पंडित ब्रह्मदत्त दीक्षित एक प्रसिद्ध स्वतंत्र सेनानी और शिक्षाविद थे, जिनका जन्म जनवरी 1913 में इटावा, उत्तर प्रदेश के निवाड़ी कलो गांव में हुआ था। उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और उत्तर प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक रहे। उनका निधन 2 जनवरी 2004 को हुआ। पंडित जी ने महात्मा गांधी की प्रेरणा से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर 13 महीने की सजा भी काटी। उन्होंने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके कार्यों से प्रभावित होकर उमाशंकर तिवारी ने उनकी प्रशंसा की और पंडित जी ने उन्हें एक प्रमाण पत्र भी दिया, जिसमें उनकी उत्कृष्टता और सेवा भाव की सराहना की गई थी। पंडित जी ने अपने पीछे पत्नी और तीन पुत्र छोड़े, और उनके जीवन के संघर्ष और उपलब्धियों ने समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निधन के बाद, उनके कार्यों और विचारों को याद किया जाता है। nishkam karmyogi Umashankar Tiwari द्वारा हिंदी लघुकथा 1.1k 1.5k Downloads 7.6k Views Writen by Umashankar Tiwari Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण प्रख्यात - स्वतंत्र सेनानी,पूर्व प्रिंसिपल,राजकीय जुबली कॉलेज,लखनऊ और राजकीय पोस्ट ग्रॅज्युएेट टीचर्स ट्रेनिंग कालेज लखनऊ,पूर्व निदेशक, उत्तर प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी,पूर्व सदस्य तथा संयोजक,हिंदी समिति, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, पूर्व सचिव, शिक्षा उन्नयन समिति,उत्तर प्रदेश(शिक्षित बेकारी उन्मूलन), पूर्व अध्यक्ष,सरस्वती गल्स इंटर कालेज, लखनऊ, सदस्य उत्तर प्रदेश नई तालीमी समिति,मंत्री उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मलेन,सदस्य उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान निष्काम कर्मयोगी पंडित ब्रह्मदत्त दीक्षित का गत २ जनवरी २००४ को स्वर्गवास हो गया जनवरी १९१३ गाम निवाड़ी कलो,जिला इटावा, उत्तर प्रदेश में जन्मे पंडित ब्रह्मदत्त दीक्षित के पिता का नाम पंडित शिवशंकर लाला दीक्षित था और माता का नाम श्रीमती दुलारी दीक्षित था More Likes This नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी