कामिनी और मधुर की मुलाकात एक कैफे में होती है, जहां कामिनी अपने करियर और आज़ादी की बात करती है। उसने विदेश में पढ़ाई की थी और अब अच्छे पद पर काम कर रही है, जबकि मधुर एक हाउस वाइफ है और उसके दो बच्चे हैं। मधुर कामिनी की आज़ादी को देखकर थोड़ी उदास महसूस करती है। कुछ दिन बाद, कामिनी मधुर के घर आती है और बताती है कि उसे अपने करियर की सफलता के बावजूद परिवार की कमी का अहसास हुआ है। वह उस लड़के से शादी करने जा रही है, जिसे वह प्यार करती है। मधुर को समझ आता है कि कामिनी की आज़ादी वास्तव में अधूरापन है और परिवार के बिना जीवन में पूर्णता नहीं है। इस प्रकार, कहानी यह संदेश देती है कि परिवार और जिम्मेदारियों के बिना जीवन की खुशियों का कोई अर्थ नहीं है। purnta ka abhaas Priya Vachhani द्वारा हिंदी लघुकथा 7 1.8k Downloads 7.2k Views Writen by Priya Vachhani Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण purnta ka abhaas More Likes This तीन लघुकथाएं द्वारा Sandeep Tomar जब अस्पताल में बच्चा बदल गया द्वारा S Sinha आशरा की जादुई दुनिया - 1 द्वारा IMoni True Love द्वारा Misha Nayra मज़बूत बनकर लौटा समन्दर द्वारा LOTUS पाठशाला द्वारा Kishore Sharma Saraswat डिप्रेशन - भाग 1 द्वारा Neeta Batham अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी