जापान में देवी देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है, जो चीन से आई प्रथा का हिस्सा है। भारत में देवी सरस्वती की पूजा होती है, जबकि जापान में उन्हें 'बेनजाइतेन' कहा जाता है। बेनजाइतेन से जुड़ी मान्यताएँ हैं, जैसे कि उनका संबंध सर्प और ड्रैगन से है। एनोशिमा में सरस्वती के उपासक धन और समृद्धि की कामना करते हैं, और मंदिरों में जाकर जलकुंड के स्पर्श से धन में वृद्धि का विश्वास करते हैं। जापान में सरस्वती की लोकप्रियता 1832 से है, और टोकियो में 131 मंदिर हैं। जापानी कलेंडर में सर्प वर्ष के दौरान सरस्वती पूजा का विशेष महत्व होता है, जिसमें बड़े महोत्सव का आयोजन होता है। जापान की माँ सरस्वती Swati Shukla द्वारा हिंदी पत्रिका 5 1.6k Downloads 8.2k Views Writen by Swati Shukla Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण This article is aout godess Saraswati ,which is being worshiped in Japan.. Enjoy Reading !! More Likes This नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी