यह कहानी देवव्रत की है, जो गर्मियों की छुट्टियों में अपने गाँव आते हैं। उन्हें अपने दोस्त दिनेश से पता चलता है कि रामेसर बाबा, जो उनके बचपन के समय से एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, अब नहीं रहे। रामेसर बाबा गाँव के खेतों में काम करते थे और बच्चों के साथ मस्ती करने के लिए जाने जाते थे। कहानी में देवव्रत अपने दोस्तों के साथ मिलकर रामेसर बाबा की यादें ताजा करते हैं, जैसे कि एक मजेदार घटना जब बाबा ने कहा था कि पंडित नेहरू जी उनके हाथ का खाना पसंद करते थे। यह सब बातें उन्हें अपने बचपन की याद दिलाती हैं और वे रामेसर बाबा की जिन्दादिली और मजाकिया स्वभाव को याद करते हैं। कहानी यह दर्शाती है कि रिश्ते और यादें समय के साथ कैसे जिंदा रहती हैं, चाहे लोग कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं। बैलगाड़ी की सवारी और गाँव की यादें उनके दिल में बसी हैं, जो उनके बचपन के अनुभवों को जीवित रखती हैं। देवव्रत Upasna Siag द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 8.4k 2.9k Downloads 8.9k Views Writen by Upasna Siag Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बैलगाड़ी पर खेत जाना और वहां सारा दिन खेल कर शाम को घर आना हमेशा याद आते हैं। बचपन में बैलगाड़ी की सवारी जो आनंद देती थी वह आनंद अब ठंडी वातानुकूलित कारों में कहाँ मिलता है। रामेसर बाबा तब हमारे खेत में ही रहते थे। एक दिन हम जब खेत गए तो बाबा अपने लिए खाना बना रहे थे या शायद बना चुके थे , खाने की तैयारी कर रहे थे। काम करते हुए उनकी नज़र पास ही जाती हुई ,धूल उड़ाती हुई जीप पर थी। हम लोग पास पहुंचे तो वो झट से बोले ," जानते हो बच्चों उस जीप में हमारे प्रधानमंत्री नेहरू जी थे !" " हैं !! पंडित जवाहर लाल नेहरू जी !!!" हम चारों एक साथ चौंक कर बोले। " हाँ भई ! वो नेहरू जी थे। उनको मेरे हाथ का बना खाना बहुत पसंद है। जब भी इस तरफ आते हैं तो मेरे पास जरूर आते हैं। " बाबा बहुत गंभीर बने बोल रहे थे। हमें ऐसे लगा ही नहीं कि वे झूठ बोल रहे हैं। और हम सब तो दस-बारह साल के ही तो थे। बहुत भोले थे। आज की पीढ़ी जैसे बच्चे नहीं थे। " तो बाबा आपने हमें क्यों नहीं बताया हम भी तो मिल लेते !!" मैंने थोड़ा सा मचलते और निराशा से कहा। " वो कल भी आएंगे ! कल मिल लेना। लेकिन किसी को बताना मत। उनको भीड़ नहीं चाहिए यहाँ। " बाबा ने बहलाते हुए कहा तो हम सब बहुत खुश हुए। More Likes This The Book of the Secrets of Enoch.... - 1 द्वारा Tanu Kadri Between Feelings - 1 द्वारा pink lotus Last Benchers - 1 द्वारा govind yadav जेन-जी कलाकार - 3 द्वारा Kiko Xoxo अंतर्निहित - 1 द्वारा Vrajesh Shashikant Dave वो जो मैं नहीं था - 1 द्वारा Rohan रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी