Aaj ke Tulsigan book and story is written by Pramod Ranjan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aaj ke Tulsigan is also popular in Magazine in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आज के तुलसीगण Pramod Ranjan द्वारा हिंदी पत्रिका 4 1.6k Downloads 6.2k Views Writen by Pramod Ranjan Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उत्तर भारत में पहली बार समाज के कुछ पिछड़े सामाजिक समूहों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गयी। तब साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि अरुण कमल ने लिखा 'फेंका है उन्होंने रोटी का टुकड़ा और टूट पड़े गली के भूखे कुत्ते'। इस कविता में वे गली का कुत्ता ओबीसी और दलित समुदायों को कहतेहैं। हिंदी के समकालीन परिदृश्य में कई ऐसे कवि हैं। यह लेख हिंदी साहित्य में व्याप्त ब्राह्मणवादी मानसिकता को उजागर करता है। More Likes This कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने - 1 द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी