"रंगी बाबू का रिक्शा" प्रकाश मनु द्वारा लिखित एक कहानी-संग्रह है, जो 15 नवंबर 2015 को प्रकाशित हुआ। इसमें कुल 54 पृष्ठ हैं और शब्द संख्या 17,788 है। प्रकाश मनु का जन्म 12 मई 1950 को उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद में हुआ। उन्होंने आगरा कॉलेज से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. और हिंदी में एम.ए. किया, इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से शोध किया। वे कुछ समय के लिए प्राध्यापक रहे और लगभग 25 वर्षों तक बच्चों की पत्रिका 'नंदन' के संपादक रहे। अब वे स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं और बाल साहित्य की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कई उपन्यास, कविता संग्रह और कहानी संग्रह लिखे हैं। उनके प्रमुख कार्यों में 'यह जो दिल्ली है', 'कथा सर्कस', 'पापा के जाने के बाद', और विभिन्न बाल साहित्य की किताबें शामिल हैं। प्रकाश मनु का लेखन बच्चों के लिए शिक्षाप्रद और मनोरंजक है, जिसमें उन्होंने विज्ञान, हास्य और सामाजिक मुद्दों को समाहित किया है। रंगी बाबू का रिक्शा Prakash Manu द्वारा हिंदी बाल कथाएँ 4.7k Downloads 10.1k Views Writen by Prakash Manu Category बाल कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Rangee baabuu ka riksha More Likes This The Great Gorila - 1 द्वारा Ravi Bhanushali अमित की अनोखी दुनिया - 1 द्वारा Chhaya Dubey अमृत की खोज द्वारा ANOKHI JHA तेरी मेरी यारी - 1 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आम का बगीचा - भाग 1 द्वारा puja एक बस स्टॉप द्वारा Birendrapatel विवान द सुपर स्टार - 1 द्वारा Himanshu Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी