कविता "मेरा अपना सुकून" में लेखक ने जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुकून की खोज की है। उन्होंने धुएं, नशे, नाजायज खर्चों, चर्चाओं, शिकायतों, और पुराने पत्रों में सुकून ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कभी सफल नहीं हुए। उन्होंने दोस्तों, रंगों, और चित्रों में भी सुकून की तलाश की, पर कहीं भी उन्हें सुकून नहीं मिला। लेखक ने अपनी जिंदगी के आधे समय को सुकून की खोज में बर्बाद कर दिया। वे मृगतृष्णा की तरह भटकते रहे। लेकिन अब उन्हें समझ में आया है कि सुकून उनके आस-पास ही है, दूर नहीं। उन्हें एक सुराग मिला है कि सुकून वास्तव में पास में ही है। कविता अंत में यह संदेश देती है कि सुकून हमें अपने आसपास ही देखने की जरूरत है। मेरा अपना सुकून .... Suresh R. Karve द्वारा हिंदी लघुकथा 2.2k Downloads 9.1k Views Writen by Suresh R. Karve Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Mera Apna Sukun .... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी