कहानी "गुलाबी आँखों वाली" एक लड़की की है जो अपनी गुलाबी आँखों के माध्यम से अपने अनुभवों और संघर्षों को साझा करती है। वह बस स्टैंड पर बैठी है, चार महीने के गर्भ और अपने छोटे बच्चे के साथ, अपने जीवन के बारे में सोचते हुए। उसे अपने अतीत की यादें परेशान करती हैं, खासकर जब वह अपनी मासिक धर्म के शुरुआती दिनों की बात करती है, जब उसे कपड़ा इस्तेमाल करने का ज्ञान नहीं था। वह अपनी आँखों को अपने आत्मविश्वास और पहचान का प्रतीक मानती है। उसके लिए ये आँखें उसकी माँ की तरह हैं, जो उसे समझने और सजग रहने की सलाह देती हैं। वह दूसरों की नजरों में घमंडी समझी जाती है, लेकिन वह अपनी स्वतंत्रता और पहचान को बनाए रखने की कोशिश करती है। कहानी में यह भी दर्शाया गया है कि उसके पिता के शब्द उसके मन में गहरे उतरे हुए हैं, जो उसकी स्वतंत्रता को उसकी परिवार की बदनामी से जोड़ते हैं। यह कहानी आत्म-स्वीकृति, संघर्ष, और सामाजिक अपेक्षाओं के खिलाफ खड़े होने की कहानी है। गुलाबी आँखों वाली संजना तिवारी द्वारा हिंदी लघुकथा 2k 2k Downloads 8.3k Views Writen by संजना तिवारी Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Gulabi Ankho Vali More Likes This यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan ब्रह्मचर्य की अग्निपरीक्षा - 1 द्वारा Bikash parajuli Trupti - 1 द्वारा sach tar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी