विवरण
सुबह: 8:00बजेएरिया:काला भंडार , पुलिस चौकी"आह,,,आह,,,नहीइई,,, न नही,,,,, ममत,,,म,,ममारो मुझे,,, ममैने क,,,कुच्छ न नही किया,,,साहब छ,,,छोड़ दो मू,,,मुझे मै,,,मैं किसी को कुच्चछ न,,नही बताऊंगा" एक आदमी दर्द से तड़प ते हुए बोला।"बताएगा भी नहीं क्यू की, तेरी ऊपर की टिकट बुक कर रहे है,,,ज्यादा दिन का मेहमान नही हैं तू" ओ पुलिस के कपड़े पहने आदमी उसे बेहरमी से मारते हुए बोला।ओ आदमी गिड़गिड़ाते हुए "म मैं मैंने,,,क क्या,,,बिग,,ड़ा,,," उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी की"साला,,,हमारे एरिया में जासूसी करेगा,,, और बोलता है क्या बिगाड़ा" उनमें से एक जो हवलदार कपड़े पहन रखा था वो उसके बाल खींचते हुए