प्रेमपत्र - 1 Vrishali Gotkhindikar द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Prempatra द्वारा  Vrishali Gotkhindikar in Hindi Novels
  नमस्ते जी ..मी निहारिका आपको कैसे संबोधित करू समझ नहीं आ रहा .फिर भी आशा है आप खुद हि हमे समझ लेंगे आठ दिन हुये आपको यहासे निकल कर ..|फोन पर आपसे दो...

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