Mera Rakshak - 8 book and story is written by ekshayra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mera Rakshak - 8 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मेरा रक्षक - भाग 8 ekshayra द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 1.8k 2.5k Downloads 5.1k Views Writen by ekshayra Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 8. सपनेमीरा को नींद नहीं आ रही थी। उसेशिवा की याद सता रही थी। उसने शिवा से फोन पर बात कर ली थी पर फिर भी उसे शिवा के पास जाने की इच्छा थी।मीरा अपने कमरे से उठकर, बाहर garden में चली गई। वहां ठंडी हवा उसके गालों को छू रही थी। मीरा आँखें बंद करके इन हवाओं को महसूस कर ही रही थी तभी कोई उसके पास आकर बैठ गया और उसे खबर भी नहीं थी।रणविजय मीरा को बस देखे जा रहा था। मीरा के उड़ते बाल उसे किसी जाल के जैसे लग रहे थे जिनमें वो अपनी मर्ज़ी Novels मेरा रक्षक इस दुनिया में 2 तरह के इंसान हैं। एक अच्छे तो एक बुरे। ये कहानी ऐसे ही एक अच्छे और एक बुरे इंसान की है। इस कहानी में बुरे इंसान की दुनिया कैसे अच्छे म... More Likes This उजाले की राह द्वारा Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी