The journey from Khas to Gorkha book and story is written by Dalvir Singh in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The journey from Khas to Gorkha is also popular in Philosophy in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
खस से गोरखा तक का सफर
Dalvir Singh द्वारा हिंदी मनोविज्ञान
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विवरण
लेखक का उद्देश्यलेखक का मानना है कि प्राचीन काल के लोगों की पहचान धर्म या जाति से नहीं, बल्कि स्थान से की जाती थी। "खस" नाम भी कोई जाति या धर्म नहीं, बल्कि एक भौगोलिक स्थान की वजह से मिला नाम है। महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथ में खसों का जिक्र है। इतने प्राचीन लोगों का इतिहास मध्य काल से पहले के धूमिल है। शायद वह इतिहास भी नालंदा विश्वविद्यालय की आग में जल गया हो। क्योंकि मध्य काल से आज तक का खसों का इतिहास के साक्ष्य तो है इसलिए लेखक ने इतिहासकारों की किताबों, पुरातात्विक साक्ष्यों और जेनेटिक अध्ययनों
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