Harisingh harish ki kuchh aur rachnayen v samiksha - 5 - last book and story is written by राज बोहरे in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Harisingh harish ki kuchh aur rachnayen v samiksha - 5 - last is also popular in Book Reviews in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हरिसिंह हरीश की कुछ और रचनाएं व समीक्षा - 5 (अंतिम)
राज बोहरे
द्वारा
हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
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विवरण
हरिसिंह हरीश की कुछ और रचनाएं व समीक्षा 5 दर्द की सीढ़ियां (ग़ज़ल संग्रह) हरि सिंह हरीश अपनी युवावस्था के समय से ही लिखने के प्रति बड़े समर्पित रहे हैं। वह कहते थे कि जब वह छठवें क्लास में पढ़ रहे थे तो होमवर्क की कॉपियों पर उपन्यास लिखने लगे थे। दरअसल उन्हें कुशवाहा कांत के उपन्यास पढ़ने का बड़ा शौक था । वे मुरार ग्वालियर में रहते थे और वहां की लाइब्रेरी से किताबें निकालकर खूब पढ़ते थे ।वे जिस मिल के कैंपस में निवास करते थे,उस मिल के मालिक ने भी लाइब्रेरी में अपने खाते से हरीश
दर्द की सीढ़ियां (ग़ज़ल संग्रह)
हरि सिंह हरीश अपनी युवावस्था के समय से ही लिखने के प्रति बड़े समर्पित रहे हैं। वह कहते थे कि जब वह छठवें क्लास में...
हरि सिंह हरीश अपनी युवावस्था के समय से ही लिखने के प्रति बड़े समर्पित रहे हैं। वह कहते थे कि जब वह छठवें क्लास में...
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