pathreele knteele raste - 31 book and story is written by Sneh Goswami in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. pathreele knteele raste - 31 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पथरीले कंटीले रास्ते - 31
Sneh Goswami
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
31 खाना खाकर उन तीनों ने अपनी अपनी थालियाँ धोई और नीम की छाँव में जा बैठे । जतिन गगन की आगे की कहानी सुनने के लिए उत्सुक था । रविंद्र भी जानना चाहता था कि ऐसा क्या हो गया कि गगन ने अपनी ही प्रेमिका को बेरहमी से मार दिया तो वे उत्सुकता से गगन को देखने लगे । सुना रहा हूँ , सुना रहा हूँ । जतिन से बिल्कुल सब्र नहीं हो रहा था । भाई तुम्हारी हर रोज की तपस्या का कोई फल मिला भी या नहीं . या यों ही सुबह उठ कर एक
दोपहर के तीन बज रहे थे। सूर्य का तेज मध्यम हो चला था। पर सड़कों पर अभी लोगों का आना जाना न के बराबर है। कोई कोई व्यक्ति किसी मजबूरी के चलते ही बाहर नि...
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