Bhagwan ke Choubis Avtaro ki Katha - 12 book and story is written by Renuka Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bhagwan ke Choubis Avtaro ki Katha - 12 is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा - 12
Renu
द्वारा
हिंदी आध्यात्मिक कथा
90 Downloads
309 Views
विवरण
श्रीहंस-अवतारकी कथा— एक बार सनकादिक परमर्षियों ने अपने पिता श्रीब्रह्माजी से पूछा-पिताजी ! चित्त गुणों अर्थात् विषयों में घुसा ही रहता है और गुण भी चित्त की एक-एक वृत्ति में प्रविष्ट रहते ही हैं अर्थात् चित्त और गुण आपस में मिले-जुले ही रहते हैं। ऐसी स्थितिमें जो पुरुष इस संसार सागर से पार होकर मुक्तिपद प्राप्त करना चाहता है, वह इन दोनों को एक-दूसरे से कैसे अलग कर सकता है? यद्यपि श्रीब्रह्माजी देवशिरोमणि, स्वयम्भू और सब प्राणियों के जन्मदाता हैं तो भी कर्म-प्रवण बुद्धि होने से इस प्रश्न का समुचित समाधान न कर सके। अतः इस प्रश्न का उत्तर देनेके
अचिन्त्य परमेश्वर की अतर्क्स लीला से त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा जब सृष्टि-प्रवाह होता है तो उस समय रजोगुण से प्रेरित वे ही परब्रह्म परमात्मा सगुण होक...
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी