Yah mai kar Lunghi - 8 book and story is written by अशोक असफल in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Yah mai kar Lunghi - 8 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
यह मैं कर लूँगी - भाग 8
अशोक असफल
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
(भाग 8) जान बची तो लाखों पाए! सिटपिटाया-सा मैं रूम पर लौट आया। लगातार सोचता रहा कि उसे पता नहीं चला...या चल गया! क्या स्वप्न इतना जीवंत था कि होठ चूसना, उरोज मसलना जो अभी तक महसूस हो रहा है, वह हकीकत नहीं थी! और हकीकत थी तो उसे पता क्यों नहीं चला, क्या इतनी गहरी नींद सोई थी या फिर जाहिर नहीं होने दे रही...? रहस्य बहुत गहरा था। यह तो वही हुआ कि राजकुमार बीमार पड़ गया और सारे हकीम हार गए। अब राजा के प्राण घट में आ गए कि पता नहीं कल क्या होगा? अगर इसे
पत्रिकाएं पोस्ट करने के लिए कईएक डाकघर के चक्कर लगाने पड़ते। क्योंकि लिफाफे अधिक होते और एक खिड़की पर पांच-सात से अधिक लिए नहीं जाते। खुश तो इसलिए हो...
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