Decode Dil book and story is written by Uday Gaikwad in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Decode Dil is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
Decode Dil
Uday Gaikwad द्वारा हिंदी कविता
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विवरण
1. मेरा घर ....... घर जाता हु तो मेरा हि बैग मुझे चीडाता है ,मेहमान हु अब मन पल पल मुझे सताता है..! मां केह्ती है सामान बैग मै फोरण डालो ,हर बार तुमारा कुच ना कुच चुठ जाता है...! घर पहुचने से पहिले लोटणे का टीकट, वक्त परिंदे सा उडता जाता है ...! उंगली यो पर लेकर जाता गिनती के दो दिन ,पास पडोस जहा बच्चा भी था वाकीफ ,आज बडे बुजुर्ग बोलते कब आया पुचने ...! कब तक रहोगे पुच्छ कर अनजाने मै वो और गेहरा कर जाते वो घाव , ट्रेन मै मां के हाथो कि
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