Ram Mandir Praan Pratishtha - 15 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ram Mandir Praan Pratishtha - 15 is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 15
Kishanlal Sharma
द्वारा
हिंदी पौराणिक कथा
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विवरण
औरकिसकन्ध्या लौट आये थे।यहाँ पर मधुबन में रुके और हनुमानजी ने मुक्के मारकर रक्षकों को भगा दिया और फल तोड़कर खाने लगे।रक्षकों ने सुग्रीव के पास जाकर कहा"हनुमानजी ने हमे मारकर भगा दिया और मधुबन में फल तोड़कर खा रहे हैं।"क्या हनुमान लौट आये?"सुग्रीव ने पूछा था।"हां महाराज।""वह मधुबन में फल खा रहे हैं?""हा महाराज।""मतलब वह काम मे सफलता पाकर लौटे हैं?,सुग्रीव समझ गए कि हनुमान माता सीता का पता लगा आये हैं।तभी खुश हैं और मधुबन के फल खा रहे हैं।अगर उन्होंने सीता का पता न लगाया होता तो फल न खाते।और वह अपने अंगरक्षकों के साथ चल दिये।वह
22 जनवरी2024
इतिहास के पन्ने में दर्ज एक तारीख ही नही है।सनातन के पुनर्जागरण के श्री गणेश का दिन भी है।और राम के14 वर्ष के वनवास से लौटने के बाद त्रे...
इतिहास के पन्ने में दर्ज एक तारीख ही नही है।सनातन के पुनर्जागरण के श्री गणेश का दिन भी है।और राम के14 वर्ष के वनवास से लौटने के बाद त्रे...
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