An Ego book and story is written by Virajgiri Gosai in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. An Ego is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. छोटा सा अहंकार Virajgiri Gosai द्वारा हिंदी लघुकथा Writen by Virajgiri Gosai Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आज काजल बहुत गुस्से में ऑफिस से निकली थी। गुस्से का कारण कुछ ऐसा था कि जिससे उसे अपने आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने का भ्रम हो रहा था। मुंबई की लोकल ट्रेन के लेडीज कोच में खड़ी-खड़ी वह आज की घटना के बारे में सोच रही थी। हुआ यह था कि ऑफिस में उसने प्रतीक को सात बार फोन किया था, लेकिन हर बार उसे एक ही जवाब मिला "अभी मीटिंग में व्यस्त हूं, बाद में फोन करूंगा।" लेकिन शाम हो जाने के बाद भी प्रतीक का कोई फोन नहीं आया। काजल और प्रतीक की शादी को अभी सिर्फ तीन More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R. B. Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी