Apradh hi Apradh - 43 book and story is written by S Bhagyam Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Apradh hi Apradh - 43 is also popular in Crime Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अपराध ही अपराध - भाग 43
S Bhagyam Sharma
द्वारा
हिंदी क्राइम कहानी
306 Downloads
738 Views
विवरण
अध्याय 43 पिछला सारांश: स्मगलिंग के धंधे में लगे उनके साथी रामकृष्णन के लड़के मोहन की शादी धनंजयन की अक्का शांति के साथ, जल्दी-जल्दी शादी करके धनंजयन को अपने जाल में फंसाने की सोच रहे, दामोदरन को धोखा ही मिला। किसके बीच में रामकृष्णन को पुलिस से बचने के लिए हार्ट-अटैक आने का नाटक कर उनको बचाने के कार्य में असफलता ही हाथ लगी। अस्पताल में मोहन और शांति की शादी होनी थी तब अचानक बिजली के चले जाने से नहीं हो पाई। अब तुम्हारी बहन शांति की शादी नहीं होगी ऐसा विवेक ने कहा। धनंजयन को अब
‘इंटरव्यू के हाल में’ खूब भीड़ थी। बहुत सारे नौजवान हट्टे-कट्टे, छोटे- बड़े सुंदर, इंटरव्यू के लिए इंतजार करके खड़े लोगों को देखते हुए कार्तिका ने अंद...
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी