Krishn-Arjun Sanvaad book and story is written by Dev Srivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Krishn-Arjun Sanvaad is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कृष्ण-अर्जुन संवाद Dev Srivastava Divyam द्वारा हिंदी कविता 513 3.1k Downloads 10.2k Views Writen by Dev Srivastava Divyam Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के विरोध में ।कृष्ण ने तब आकर के तुमको,गीता का था ज्ञान दिया ।कौन हो तुम और कौन हूं मैं,इस बात का था भान दिया ।कृष्ण दृष्टिकोणउठो पार्थ अब आंखें खोलो,चारों तरफ इस रण को देखो ।चाहो तो तुम हट जाओ पीछे,किंतु पहले मुझसे मिल लो ।अर्जुन ने अपनी नम आंखें खोली और मस्तक उठा कर हैरानी के साथ कृष्ण को देखने लगे । वहीं कृष्ण ने आगे कहा,देख पार्थ मैं माधव तेरा,मित्र भी मैं और शत्रु तेरा ।मुझ में ही हो More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी