Tilismi Kamal - 18 book and story is written by Vikrant Kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tilismi Kamal - 18 is also popular in Adventure Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तिलिस्मी कमल - भाग 18
Vikrant Kumar
द्वारा
हिंदी रोमांचक कहानियाँ
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विवरण
इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें ----------------राजकुमार मानवरूपी पेड़ के कैद में था । कैद से छूटने के लिए राजकुमार जितना छटपटाता , उतनी ही तेजी से मानवरूपी पेड़ राजकुमार को अपने जड़ो और शाखाओं में जकड़ता जा रहा था । राजकुमार को ऐसा लग रहा था मानो उसकी हड्डियों को किसी ने तोड़ दिया हो । राजकुमार दर्द की वजह से कुछ समझ नही पा रहा था कि वह क्या करे कि इस मानवरूपी पेड़ से छुटकारा मिल जाये ।तभी अचानक मानवरूपी पेड़ दर्द से कराहने लगा । राजकुमार आश्चर्य चकित
चन्दनगढ़ पहाड़ की हसीन वादियों के बीच बसा एक छोटा सा राज्य था । जिसके राजा जयदेव सिंह थे जो अपने प्रजा को अपने पुत्र की तरह चाहते थे । राजा जयदेव सिंह क...
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