Pehar book and story is written by prabha pareek in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pehar is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पीहर
prabha pareek
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
पीहरसुबह बाबुजी का फोन आया ,मां के जाने के बाद बाबुजी के बस एक आध ही तो फोन आये थे ।. आज उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के बड़ी गंभीर आवाज में कहा था ’’जाकर घर संभाल आना, जो सामान ठिकाने लगाना है लगा देना, घर चाहो तो रखो अन्यथा अपने भाई माधव से पूछ लेना। तुम आपस में मिलकर जो करना चाहो’’। मैंने घीरे से पूछा ’’और आप’? उन्होंने कुछ रूककर कहा ’’मैं अब आश्रम में ही रहूंगा । मैंने अपनी व्यवस्था कर ली है’’। हिम्म्त बटोर कर स्वरा ने कहा था ’’बाबु जी आप हम सब के रहते
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