Nakl ya akl-48 book and story is written by Swatigrover in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nakl ya akl-48 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नक़ल या अक्ल - 48
Swati Grover
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
48 बारिश इससे पहले निर्मला अपने बापू की बात का ज़वाब देती, उससे पहले ही उसका भाई गोपाल बोल पड़ा, “अरे!!! बापू बारिश की वजह से सारे रास्ते बंद है, स्टेशन भी बंद कर दिया गया है। अभी रहने दें, कोई फायदा नहीं है ।“ निर्मला के चेहरे पर ख़ुशी झलकने लगी। उसने जल्दी से झाड़ू लगाया और फिर नाश्ता बनाने रसोई में चली गई। उसके बापू ने गोपाल को कहा कि “ सुनील को भी यह बात बता दें।“ वह भी अपने जीजा को फ़ोन करने लग गया। राधा भी काजल के साथ आंगन में जमा
शाम का समय है, सूरज डूबने के लिए तैयार प्रतीत हो रहा है, उत्तरप्रदेश के मालपुरा गॉंव में खेतों की मुँडेर पर किशन और सोमेश बैठे हैं । किशन तो आराम से ढ...
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