Shuny se Shuny tak - 58 book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Shuny se Shuny tak - 58 is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
शून्य से शून्य तक - भाग 58
Pranava Bharti द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ
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विवरण
58=== आशिमा के सामने ही शादी का दिन तय हो गया| आशिमा को यहाँ कई दिन हो चुके थे| मि.भट्टाचार्य ने दीनानाथ जी से बात करके अनिकेत को भेजकर आशिमा को बुलाने की बात की| उन्होंने प्रसन्नता से हाँ कर दी| आशी की शादी में भी तो आएगी वह| अब कुछ दिन अपनी ससुराल रह आए| रेशमा दीदी के जाने की बात सुनकर ही उदास हो गई लेकिन उसे जाना तो था ही| वह अनिकेत के साथ चली गई| एक बार फिर रेशमा बहन के गले लगकर ज़ोर से रो पड़ी| आशिमा का दिल भी उसे छोड़ते हुए टूट रहा
माउंट आबू के उस अंतिम छोर पर स्थित एक छोटे से आश्रम में अपने कमरे के बाहर लॉबी में एक कुर्सी पर बैठी आशी दूर अरावली के पर्वतों की शृंखला को न जाने कब...
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