Mahila Purusho me takraav kyo ? - 103 book and story is written by कैप्टन धरणीधर in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mahila Purusho me takraav kyo ? - 103 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 103
Captain Dharnidhar
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
अभय और केतकी जैन महिला से बात कर रहे हैं , किन्तु बदली को यह सब ठीक नही लग रहा था । वह बोर हो रही थी । यह सब बदली को अच्छा न लगने का कारण उसकी मानसिकता ही है । जिसका मन संयमित न हो या रखना ही न चाहती हो , उसे ऐसी बाते कैसे अच्छी लगेगी । बातचीत बंद हो जाये ..आगे कोई चर्चा संथारा पर न हो ..इस लिए बदली ने लाइट ऑफ करने को कहा ।अभय ने घड़ी देखी और बदली की बात को पुष्ट करते हुए कहा ..हां अब हमे सो जाना चाहिए।
आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता ह...
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