Saansat me Kante - 3 book and story is written by Pradeep Shrivashtava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Saansat me Kante - 3 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
साँसत में काँटे - भाग 3
Pradeep Shrivastava
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
भाग -3 उसके अब्बा ने कहा, “हमारा परिवार पाँचों वक़्त का नमाज़ी है। अल्लाह के ही बताए रास्ते पर चलता है, मज़हब के लिए ख़ानदान के कई लोग अपनी क़ुर्बानी दे चुके हैं।” लेकिन दहशतगर्द अपनी ही बात करते रहे, उनके हिसाब से पाँचों वक़्त की नमाज़ अदा करना ही पूरा मुसलमान होना नहीं है। उन्होंने बार-बार क़ुरान के पारा दस, सूरा नौ, तौबा आयत पाँच की इस बात, “अतः जब हराम (वर्जित) महीने बीत जाएँ तो मुशरिकों (बहुदेववादियों) को क़त्ल करो जहाँ पाओ और उन्हें पकड़ो और घेरो और हर घात में उनकी ख़बर लेने की लिए बैठो। फिर
उसकी आँखों में भर आए आँसू उसके गालों पर गिरने ही वाले थे। आँसुओं से भरी उसकी आँखों में भीड़ और उनके हाथों में लहराते तिरंगे के अक्स दिखाई दे रहे थे। ज़...
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