Gaon Ke Tilism part-3 book and story is written by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Gaon Ke Tilism part-3 is also popular in Drama in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गाँव के तिलिस्म भाग -3
डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना
द्वारा
हिंदी नाटक
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विवरण
एक बार महिला एस.डी. एम साहिबा आईं तो उसने उनकी भी विजिट अपने गांव में रखी, महिलाओं की एक मीटि़ंग भी रखी। सुक्खो स्वयं संचालन कर रही थी, उसकी बेटी व स्वयं सुक्खो ने जिनके प्रार्थना पत्र नहीं थे तैयार किए। मेडम बहुत प्रभावित हुर्इ्रं सामाजिक कार्यों का ही निवेदन किया गया, कोई व्यक्तिगत निवेदन सुक्खो का नहीं था। मीटिंग का सारा कार्य पूर्ण निर्धारित समय पर सुचारू रूप से संचालित था। जबकि अधिकतर जगह सरपंच को ही समझ में नहीं आता था। वे पंचायत सेक्रेटरी पर निर्भर रहते। मेडम उत्सुकता न दबा सकीं पूंछ ही लिया’- कब से सरपंच
द्रोपदीबाई के घर आज विजय कुमार खुद आए। बाहर से ही आवाज लगाई-‘ सरपंच जी हैं?’ वे तब अपनी भैंस की सेवा में थीं,।उसे दूध निकालने के बाद उसके पाड़े को दू...
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