Utkarsh-Abhilasha - 4 book and story is written by Shikha Srivastava in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Utkarsh-Abhilasha - 4 is also popular in Science-Fiction in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 4 शिखा श्रीवास्तव द्वारा हिंदी कल्पित-विज्ञान 144 Downloads 375 Views Writen by शिखा श्रीवास्तव Category कल्पित-विज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण इन्हीं ख्यालों में खोए हुए उत्कर्ष की तंद्रा तब टूटी जब ड्राइवर ने कार का दरवाजा खोलकर कहा "छोटे साहब हम घर पहुँच गये हैं।" "हम्म हाँ।" उत्कर्ष ने अपना सर झटकते हुए कहा और प्रणय के कंधे को झकझोरकर उसे जगाया। "नहीं चाचू, मुझे मत मारिये, मेरी कोई गलती नहीं है।" बड़बड़ाते हुए प्रणय ने ऑंखें खोलीं। "अबे यार उफ़्फ़ सपने में भी डरता है तू? हद है। चल बाहर निकल।" उत्कर्ष ने प्रणय की बड़बड़ाहट सुनकर झल्लाते हुए कहा। "ओहह शुक्र है भगवान का की वो सिर्फ एक सपना था।" प्रणय ने गहरी साँस ली और गाड़ी से अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी