Kukdukoo - 4 book and story is written by Vijay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kukdukoo - 4 is also popular in Drama in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कुकड़ुकू - भाग 4 Vijay Sanga द्वारा हिंदी नाटक 183 Downloads 666 Views Writen by Vijay Sanga Category नाटक पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रात मे खाना खाने के बाद रघु और उसके मम्मी पापा चैन की नींद सो गए। आधी रात मे अचानक बकरियों की चिल्लाने की आवाज आने लगी। आवाज सुनकर शांति और सुशील की नींद खुल गई। दोनो ने जब बाहर जाकर देखा तो कुछ जंगली कुत्ते एक बकरी को पकड़कर खींच रहे थे। सुशील ने पत्थर उठाया और कुत्तों को मारने लगा। लेकिन कुत्ते थे की वहां से भागने को तैयार ही नहीं थे। तभी सुशील का पत्थर एक कुत्ते को जा लगा। उसी समय सभी कुत्ते वहां से भाग गए।शांति और सुशील ने जब बकरी को देखा तो बकरी अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी