bhari depression book and story is written by bhagirath in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. bhari depression is also popular in Philosophy in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. भारी डिप्रेशन bhagirath द्वारा हिंदी मनोविज्ञान 1 1.3k Downloads 3.2k Views Writen by bhagirath Category मनोविज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण भारी डिप्रेशन मैं भारी डिप्रेशन में हूँ। मुझे वे लोग याद आने लगते हैं जिन्होंने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर ली। तो क्या यह डिप्रेशन मुझे चौथी मंजिल से कूदने पर मजबूर कर देगा? कभी-कभी बड़ी बेचैनी महसूस होती है, घबराहट होने लगती है, हमेशा शरीर में थकान बनी रहती है और अपने को ऊर्जा हीन पाता हूँ। यह करूँ या वो करूँ हमेशा उलझन बनी रहती है। निराशा ने तो जैसे मन में डेरा जमा रखा है। कहीं बाहर जाना अच्छा नहीं लगता किसी से मिलना-मिलाना नहीं भाता। सारी गतिविधियां जैसे नीरस हो गई है। चिंताएं बराबर More Likes This Successful MAD Tips द्वारा Ashish भय - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सबा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil चुप्पियों का कथाकार - अर्नेस्ट हेमिंग्वे द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla जागृति आवाहन द्वारा Rudra S. Sharma जीवन कैसे जिएं? - 1 द्वारा Priyanshu Jha VIRUS द्वारा ANKIT YADAV अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी