Nakal ya Akal - 4 book and story is written by Swatigrover in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nakal ya Akal - 4 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. नक़ल या अक्ल - 4 Swati द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 639 Downloads 1.2k Views Writen by Swati Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 4 पापी अभी वो लोग जा ही रहें हैं कि तभी सोना की चचेरी बहन मुग्धा आ गई, वह सोनाली का हाथ खींचकर उसे अपने साथ ले गई। राजवीर को सिर धुनते देखकर निहाल और उसकी मित्र मंडली भी हँसने लग गए। दोनों बहने एक झूले पर बैठकर बतियाने लगी। ] क्यों री ! उस राजवीर के साथ कहाँ जा रही थी? झूला झूलने जा रहीं थीं !! वो तो बड़ा खतरनाक झूला है। तभी तो खतरों के खिलाडी के साथ जा रही थीं। फिर उसने उसे शर्त वाली बताई तो वह बोली, “ओह अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी