Unhi Rashto se Gujarate Hue - 18 book and story is written by Neerja Hemendra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Unhi Rashto se Gujarate Hue - 18 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 18
Neerja Hemendra
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
भाग 18 " क्यों....? हमारे पास अपनी पर्याप्त ज़मीन कुशीनगर में हैं। अब नया प्लाट लेने की आवश्यकता क्यों..? " शालिनी ने उत्सुकतावश पूछा। " आवश्यकता अभी नही, आगे पड़ेगी। जमीन लेने की ही नही, उस पर मकान बनवाने की भी आवश्यकता पड़ेगी। " राजेश्वर ने कहा। शालिनी उसकी ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखती रही। " लखनऊ में तो कोई जमीन नही है आपकी, यहाँ भी आपका आना-जाना लगा रहाता है। आगे भी लगा रहेगा, इसलिए यहा एक अपना मकान आवश्यक है। " शालिनी को प्रश्नवाचक दृष्टि से अपनी ओर देखता हुआ पाकर राजेश्वर ने कहा। राजेश्वर की बातें सुनकर
मुझे अपना यह नया उपन्यास " उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए " पाठकों को समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। मेरे इस उपन्यास का कथ्य यद्य...
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