Unhi Rashto se Gujarate Hue - 4 book and story is written by Neerja Hemendra in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Unhi Rashto se Gujarate Hue - 4 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 4
Neerja Hemendra
द्वारा
हिंदी फिक्शन कहानी
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विवरण
भाग 4 समय का पहिया अपनी गति से चलता जा रहा था। मैंने इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी तथा दीदी ग्रेजुएशन के अन्तिम वर्ष में थी। मुझे दीदी के साथ रहना अच्छा लगता। एक घड़ी के लिए भी दीदी कहीं चली जाती तो मुझे अच्छा नही लगता। जैसे-जैसे मैं बड़ी होती जा रही थी, दीदी के साथ मेरा जुडा़व बढ़ता ही जा रहा था। मैं दीदी के बिना रहने की कल्पना भी नही कर सकती थी। दीदी मेरा आर्दश थी, संबल थी। कुछ समय पश्चात् उस दिन...... दोपहर का समय था। हम सब भोजन करने के उपरान्त बैठे
मुझे अपना यह नया उपन्यास " उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए " पाठकों को समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। मेरे इस उपन्यास का कथ्य यद्य...
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