Mahila Purusho me takraav kyo ? - 87 book and story is written by कैप्टन धरणीधर in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mahila Purusho me takraav kyo ? - 87 is also popular in Human Science in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 87
Captain Dharnidhar
द्वारा
हिंदी मानवीय विज्ञान
Five Stars
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विवरण
अभय ने एकाएक गाड़ी रोक दी .. बदली बोली क्या हुआ जीजू ? अभय ने कहा शायद हम गलत रास्ते पर चल रहे हैं .. बदली दाये बाये देखने लगती है ..नही जीजू रास्ता तो यही है , दूसरा रास्ता तो गांवो से होकर जाता है .. अभय ने कहा रास्ता तो शायद सही हो पर मुझे बैचेनी सी हो रही है ..शायद भोजन किया वह ठीक नही था .. बदली ने कहा जीजू भोजन तो मैने भी किया था .. अभय ने कहा पता नही ..थोड़ी देर रूककर चलते हैं ..अभय कार से बाहर आजाता है ..बदली भी बाहर
आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता ह...
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