pachtawa book and story is written by Vijay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. pachtawa is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. पछतावा - गलती या नासमझी...? Vijay Sanga द्वारा हिंदी लघुकथा 1 864 Downloads 2.9k Views Writen by Vijay Sanga Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ये कहानी है इंदौर में रहने वाले अनमोल यादव की, जो काम की तलाश में अपने कुछ दोस्तों के साथ इंदौर शहर आया था। उसने और उसके दोस्तों ने रहने के लिए मिलकर किराए पर एक कमरा ले लिया था।कुछ दिन कुछ कंपनियों मे इंटरव्यू देने के बाद आखिरकार उसकी एक प्राइवेट कंपनी मे जॉब लग ही गई।अनमोल की स्टार्टिंग सैलेरी 15 हजार रूपये महीना थी। अनमोल ने जॉब मिलते ही अपने मम्मी पापा को फोन करके इस बारे मे बताया। उसके मम्मी पापा भी ये जानकर बहुत खुश थे की उनके बेटे की नौकरी लग गई है।अनमोल को कंपनी More Likes This वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish नो मोर अभी नहीं द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी