कविता "अंजान रुदाली" में लेखक अपनी मृत्यु के बाद किसी अनजान व्यक्ति के मातम में रोने की संभावना का जिक्र करता है। वह बताता है कि यह व्यक्ति एक चाहने वाली हो सकती है, जो उसे कभी खोना नहीं चाहती थी। लेखक चाहता है कि इस अनजान व्यक्ति को थोड़ी देर बैठने दिया जाए, बिना किसी सवाल के। वह उसे पहचान नहीं पाएंगे, और अगर कोई पूछेगा तो वह शायद बुरा मान जाएगी। लेखक यह भी चाहता है कि उसका साथी उसे बताए कि वह उस अनजान व्यक्ति को जानता था। अंत में, लेखक स्वीकार करता है कि उसने कभी उस व्यक्ति से जीवन में नहीं मिला, बल्कि वह केवल ख्यालों में आती थी। इस कविता में प्यार, यादें और अनकही भावनाओं का सुंदर चित्रण है। अंजान रुदाली Suresh R. Karve द्वारा हिंदी लघुकथा 3 1.6k Downloads 5.5k Views Writen by Suresh R. Karve Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Wild imagination of the poet about a situation after his death when someone comes home for mourning. More Likes This Chai ki Pyali - 1 द्वारा Mansi गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानियां - भाग 1 द्वारा Amit Kumar HIDDEN BILLIONAIRE - 1 द्वारा Dhiru Shukla बेधड़क दरोगा जी द्वारा Devendra Kumar राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 1 द्वारा Soni shakya चिंगारी: जो बुझी नहीं - 1 द्वारा Sumit Sharma परिमल - 1 द्वारा Madhavi Marathe अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी