Janamejaya book and story is written by Renuka Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Janamejaya is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जनमेजय
Renu
द्वारा
हिंदी पौराणिक कथा
Five Stars
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विवरण
जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे। जनमेजय की पत्नी वपुष्टमा थी, जो काशीराज की पुत्री थी। बड़े होने पर जब जनमेजय ने पिता परीक्षित की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उसने तक्षक से बदला लेने का उपाय सोचा। जनमेजय ने सर्पों के संहार के लिए 'सर्पसत्र' नामक महान यज्ञ का आयोजन किया। नागों को इस यज्ञ में भस्म होने का शाप उनकी मां कद्रू ने दिया था। नागगण अत्यंत त्रस्त थे। समुद्र मंथन में रस्सी के रूप में काम करने के उपरान्त वासुकी ने सुअवसर पाकर अपने त्रास की गाथा ब्रह्मा से कही। उन्होंने कहा कि
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