Kanchan Mrug - 32 book and story is written by Jitesh Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kanchan Mrug - 32 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कंचन मृग - 32. बेतवा का पानी लाल हो गया Dr. Suryapal Singh द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 303 Downloads 921 Views Writen by Dr. Suryapal Singh Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 32. बेतवा का पानी लाल हो गया- राजकवि जगनायक के साथ माण्डलिक, उदयसिंह, देवा, तालन तथा कुँवर लक्ष्मण राणा भी तैयार हुए। महाराज जयचन्द ने कुँवर लक्ष्मण राणा को सावधान किया। चाहमान नरेश चन्देलों से निर्णायक युद्ध करना चाहते हैं। भयंकर युद्ध की संभावना है। कुँवर की पत्नी पद्मा को भी युद्ध की भयंकरता का अनुमान हो गया था। कुँवर को विदा करते समय उसकी आँखों से अश्रु छलक आए। हाथी व्रजराशिन को मोदक खिलाते हुए उसने कहा, ‘कान्यकुब्ज की लाज रखना। कुँवर को तुम्हें सौंपती हूँ।’ व्रजराशिन ने सूँड़ उठा कर पद्मा को आश्वस्त किया। टीका लगा कर कुँवर अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी