Aaj fir tarik hai book and story is written by BHARAT KUMAR MALI in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aaj fir tarik hai is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आज फिर तारिक है। Bharat(Raj) द्वारा हिंदी लघुकथा 1 1.1k Downloads 4.3k Views Writen by Bharat(Raj) Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कोर्ट के वकीलो के काले लिबाज मे, कुछ तो काला जरूर है वरना, इतनी भी कमजोर नही हमारी न्याय प्रणाली। इतनी भी लचीली नही हमारी न्याय प्रणाली की इतनी तारीख पर तारीख दे। इन काले कोर्ट पहने वकीलो को न्याय के लिए कम, अन्याय के साथ खड़े देखा है बहुत। बैंक से लिए कर्ज को अगर किसान चुकाना भी चाहे तो मन मेला लिये साथ वकील खड़ा मिलता । दावा कैसे लंबा चले यही आरजू पाले बैठा है। गरीब को न्याय दिलाने का भरोसा देकर खिलवाड गरीबो के जज्बातो से करता । मानो शर्म हया किसी कोटे पर बेचकर दलाली More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी