Devotee friend Shri Sugrivji book and story is written by Renuka Dubey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Devotee friend Shri Sugrivji is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. भक्त सखा श्री सुग्रीवजी Renu द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 1.1k Downloads 2.8k Views Writen by Renu Category पौराणिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण श्रीसुग्रीव जी न सर्वे भ्रातरस्तात भवन्ति भरतोपमाः। मद्विधा वा पितुः पुत्राः सुहृदो वा भवद्विधाः॥ श्रीराम जी सुग्रीवसे कहते हैं—‘भैया! सब भाई भरत के समान आदर्श नहीं हो सकते। सब पुत्र हमारी तरह पितृभक्त नहीं हो सकते और सभी सुहृद् तुम्हारी तरह दुःख के साथी नहीं हो सकते।’ सभी सम्बन्धों के एकमात्र स्थान श्रीहरि ही हैं। उनसे जो भी सम्बन्ध जोड़ा जाय, उसे वे पूरा निभाते हैं। सच्ची लगन होनी चाहिये, एकनिष्ठ प्रेम होना चाहिये। प्रेमपाश में बँधकर प्रभु स्वामी बनते हैं। वे सखा, सुहृद्, भाई, पुत्र, सेवक-सभी कुछ बनने को तैयार हैं। उन्हें शिष्टाचार की आवश्यकता नहीं, वे सच्चा स्नेह More Likes This अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1 द्वारा VAISHNAVI PADVI इंद्रप्रस्थ - 1 द्वारा Shakti भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा - 1 द्वारा Renu वेदव्यास द्वारा Renu जनमेजय द्वारा Renu परीक्षित द्वारा Renu शिशुपाल द्वारा Renu अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी